Raghvendra
Hon. Director
विद्या श्री एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आपका हार्दिक अभिनन्दन।
विद्या श्री एकेडमी न केवल शिक्षण संस्था की परिचायक है बल्कि विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य को भी उजागर करती है " विद्या" देवी सरस्वती तथा "श्री" देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद है जो मनुष्य के पुरूषार्थ में निहित है। " विद्या"बालक के जीवन की प्रथम शिला है तो "श्री" उसके जीवन की प्रथम सीढ़ी है। जब बालक की नींव सुदृढ़ एवं मजबूत होगी तो उसे जीवन में ऊँचाईयाँ नापने कठिनाई में नहीं होगी। मजबूत नींव ही ऊँची इमारतों को अंजाम देती है। विद्या श्री एकेडमी की स्थापना का उद्देश्य इन दोनो शब्दों के युग्म में सन्नहित है।
बाल्यावस्था स्वच्छंद अवस्था होती है। बालक खेलता रहना चाहता है। उसे कोई रोक-टोक या प्रतिबन्ध पसन्द नहीं होता हैं। बालक के साथ सख्ती या दबाव उसे मनोविकार की ओर ले जाते हैं और उसमें कार्य के प्रति अरूचि एवं डर पैदा करते है। बालक को सहज शिक्षा उपलब्ध हो, इसके लिए विद्या श्री एकेडमी में प्राथमिक शिक्षा के तीन आयामों पढ़ना, लिखना और सीखना - के अनुरूप खेल-खेल में शिक्षा का समावेश किया गया है जिसमें कम्प्यूटर आधारित ऑडियो-विजअल पद्धति (डिजीटल क्लास रूम) का सहारा लिया गया है जिससे बालक स्कूल आने में डरने के बजाय उत्साहित होता है।
बालक के व्यक्तित्व विकास में भाषा ज्ञान की अहम् भूमिका होती है। विद्या श्री एकेडमी में अंग्रेजी भाषा के अध्ययन के साथ साथ मातृ भाषा हिन्दी की अशुद्धियों को दूर करने का विशेष प्रयास किया जाता है। जहाँ तक पाठ्यक्रम का प्रश्न है, यह किसी भी शिक्षण संस्था की जीवनशक्ति होता है,